Bajrang Punia, Olympics Trials: पेरिस ओलंपिक की धांसू तैयारी करने के बाद भारतीय स्टार पहलवान बजरंग पूनिया को ट्रायल्स में करारी शिकस्त झेलने को मिली. टोक्यो ओलिंपिक के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट बजरंग ने रूस में कड़ी ट्रेनिंग ली थी. मगर ट्रायल्स के सेमीफाइनल जब उन्हें हार मिली तो वो बौखला गए और गुस्से में अपने घर निकल गए. बजरंग को फ्रीस्टाइल 65 वेट कैटेगरी के सेमीफाइनल में रोहित कुमार ने 1-9 से करारी शिकस्त दी.
इस हार के बाद बजरंग पेरिस ओलंपिक क्वालीफिकेशन की रेस से बाहर हो गए हैं. उन्हें ट्रायल्स में तीसरे-चौथे नंबर के लिए मैच खेलना था. नाडा बजरंग का डोप सैम्पल भी नहीं ले सका मगर सेमीफाइनल में हार के बाद बजरंग गुस्से में तुरंत स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के सेंटर से चले गए. इतना ही नहीं राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) के अधिकारियों ने उनका डोप सैम्पल लेने की काफी कोशिश की, मगर ले नहीं सके. बजरंग ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अगुआई की थी. बता दें कि सेलेक्शन ट्रायल्स इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) के तदर्थ पैनल आयोजित कर रहा है. इससे पहले खेल मंत्रालय से निलंबित WFI इसका आयोजन करवा रही थी.
बजरंग पूनिया को अब कांग्रेस टिकट मिलना चाहिए धरने पर ही ध्यान दिया लगता है प्रैक्टिस कुछ करी नहीं।🤔🤔 बजरंग पूनिया को रोहित कुमार ने 9-1 के बड़े बुरी तरह से हराया । pic.twitter.com/eEGIhnSFIz — Pradeep Maikhuri (@PradeepMaikhur3) March 10, 2024 सेमीफाइनल के लिए भी मुश्किल से जीते थे बता दें कि बजरंग को सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. उन्हें रविंदर के खिलाफ बेहद मुश्किल से जीत मिली थी. अगर रविंदर ने मुकाबले में वॉर्निंग से पॉइंट नहीं गंवाया होता तो बजरंग पहले ही मुकाबले में बाहर हो गए होते, मगर किस्मत से वो सेमीफाइनल में पहुंच गए.
बजरंग ने बिना ट्रायल्स दिए खेला था एशियन गेम्स बजरंग पुनिया को पिछले साल हांगझोउ एशियन गेम्स के सेमीफाइनल मैच में हार मिली थी. यही नहीं कांस्य पदक मुकाबले में भी बजरंग को जापानी पहलवान के. यामागुची ने 10-0 से हरा दिया था. उनकी हार के बाद सोशल मीडिया पर कई लोग बुरी तरह भड़क उठे थे क्योंकि एशियन गेम्स में भाग लेने से पहले किसी प्रतिस्पर्धी मुकाबले में हिस्सा नहीं लिया था. उन्हें ट्रायल के बिना इन खेलों के लिए भारतीय दल में शामिल करने की भी आलोचना हुई थी.